Tuesday, 13 March 2018

गुरु गोरखनाथ जी की बाणी 


सतगुरु की जोत

सद्गुरु मेरा नाथा दा चेला 
नाथ मेरा शिव लगा शिव दा मेला 
विच बैठे मेरा सद्गुरु गोरक्षनाथ 
जिथे  सिमरिये ओथे हाज़िर 
मैं ता तेरा चेला सनी सिमरे 
सनी कहे नाथा दी बाणी ९ नाथ 
८४ सिद्धो की बाणी चढ़ी जुबान 
हॉवे जन कलियाँ सतनाम आदेश 
सद्गुरु गोरखनाथ जी महाराज 
को आदेश आदेश ! 

सद्गुरु की जोत कैसे जलती है वो आपकी इच्छा शक्ति पर देपेंद करती है गुरु मंत्र का निरन्तरं जाप से ही आपको वो वाली चीज़ मिलती है गुरु ही देने वाला है गुरु ही लेने वाला है यह सब तो उसके ही शब्द है हर शब्द मैं सद्गुरु का बस है तांत्रिक बनने से अच्छा सच्चा भगत बनना अच्छा है क्युकी सिद्धि विधि यही रह जनि है साथ जाना है गुरु का नाम और कर्म
वो सही होंगे तो आपका काम होगा अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! मेरा काम सही जानकारी देना हिअ मेरे पोस्ट कॉपी पेस्ट मत करना कबि बी क्युकी सब कुछ यही है यही से लो यही पढ़ो कॉपी पेस्ट से अच्छा ट्राई करना है 
आप मंत्र को चला कर देखो और शक्ति न अनुभव करो है गुरु गोरखनाथ ! 



Tuesday, 6 March 2018

गुरु जी का सिमरन

गुरु जी का सिमरन 

श्री गुरुस्तोत्रम्: गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः
गुरुर्ब्रह्मा गुरुर्विष्णुर्गुरुर्देवो महेश्वरः ।
गुरुरेव परं ब्रह्म तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥१॥
अखण्डमण्डलाकारं व्याप्तं येन चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥२॥
अज्ञानतिमिरान्धस्य ज्ञानाञ्जनशालाकया ।
चक्षुरुन्मीलितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥३॥
स्थावरं जङ्गमं व्याप्तं येन कृत्स्नं चराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥४॥
चिद्रूपेण परिव्याप्तं त्रैलोक्यं सचराचरम् ।
तत्पदं दर्शितं येन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥५॥
सर्वश्रुतिशिरोरत्नसमुद्भासितमूर्तये ।
वेदान्ताम्बूजसूर्याय तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥६॥
चैतन्यः शाश्वतः शान्तो व्योमातीतोनिरञ्जनः ।
बिन्दूनादकलातीतस्तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥७॥
ज्ञानशक्तिसमारूढस्तत्त्वमालाविभूषितः ।
भुक्तिमुक्तिप्रदाता च तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥८॥
अनेकजन्मसम्प्राप्तकर्मेन्धनविदाहिने ।
आत्मञ्जानाग्निदानेन तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥९॥
शोषणं भवसिन्धोश्च प्रापणं सारसम्पदः ।
यस्य पादोदकं सम्यक् तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥१०॥
न गुरोरधिकं तत्त्वं न गुरोरधिकं तपः ।
तत्त्वज्ञानात् परं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥११॥
मन्नाथः श्रीजगन्नाथो मद्गुरुः श्रीजगद्गुरुः ।
मदात्मा सर्वभूतात्मा तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥१२॥
गुरुरादिरनादिश्च गुरुः परमदैवतम् ।
गुरोः परतरं नास्ति तस्मै श्रीगुरवे नमः ॥१३॥
ब्रह्मानन्दं परमसुखदं केवलं ज्ञानमूर्तिम्
द्वन्द्वातीतं गगनसदृशं तत्त्वमस्यादिलक्ष्यम् ।
एकं नित्यं विमलमचलं सर्वधीसाक्षीभूतम्
भावातीतं त्रिगुणरहितं सद्गुरुंतं नमामि ॥१४॥

गुरु सिमरन और गुरु नाम दान से ही आपको अध्यतम के रस्ते पर फलता मिलती है बहुत से लोग भगति करते है लेकिन फल नहीं मिलता है उसका कारन होता है आपके इष्टदेव क्युकी गिनती एक से गुरु होती है न के दस से आप लोग बहार ढूंढ़ते हो सब कुछ जब के सब कुछ आपके अंदर है इसलिए गुरु नहीं है इष्टदेव की पूजा और भगति करो आप सभी फिर चलो तंत्र मंत्र के मार्ग पर क्युकी कठिन है यह रास्ता है भगति तक है लेकिन आगे कष्ट है बॉडी पर और आपके शरीर पर जो आगे यह मेरा स्वयं न अनुभव है इसलिए बोलता हूँ पहले गुरु होगा तो नेगटिव शक्ति से बच जाओगे आप सभी गुरु आपकी ढाल होता है बाकि आप सभी पढ़े लिखे हो मेरे से जायदा समझदार हो मैं तो उस मालिक का नादान सॉ बच्चा हूँ ! जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली मेरा काम सही जानकारी देना है न की किसी को किसी भरम मैं डालना है जिसका विश्वास है परमात्मा मैं वही करे यह सब कुछ जय गुरु गोरखनाथ अलख आदेश श्री शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश ! 




Sunday, 4 March 2018

पूजाकाल मैं शरीरका झूलना और उबासी का आना संकेत

पूजाकाल मैं शरीरका झूलना और उबासी का आना संकेत 

भगित करने से किसी के साथ बी यह हो सकता है यह कुछ उस शक्ति का असर होता है क्युकी पूजा टाइम मैं दोनों विकार साथ मैं चलते है जैसे के पहला पोस्टिव और नेगटिव दोनों साथ मैं नेगटिव एनर्जी को बहार को धकेलना और पोस्टिव एनर्जी को अंदर लेना जैसे जैसे गुरु मंत्र जा किसी मंत्र का निरंतर जाप करते जाओगे आप सभी वैसे वैसे आपको वो शक्ति महसूस करवा देगी पोस्टिव और नेगटिव दोनों प्रकट की शक्ति से गुरु मंत्र जाप के दौरान आपको बहुत से अनुभव होने गुरु के होने के असास और उसके इलावा बॉडी मैं भारी पन यह सब उस मालिक की मर्जी है और यह सब कुछ मैं अपने अनुभव के आधार पर आप सभी को बता रहा हूँ गुरु कृपा और इष्टदेव और पितरो की रेहमत से ही आपको सब कुछ मिलगा ऐसे नेट से उतना कर आपको कुछ बी नहीं करना है अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली मेरा काम देना है सोच और समाज आपकी सबकी अपनी अपनी है ! रियल तंत्र मंत्र आज के तंत्र मंत्र से हटके है जय गुरु गोरखनाथ ! 

Saturday, 3 March 2018

शबरी विद्या सनी शर्मा

शबरी विद्या सनी शर्मा 

सतनामो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
ॐ गुरु जी ॐ सिद्धनाथ गुरु गोरखनाथ 
मछिन्दर का चेला बैठे धुनें पर लगे मेला 
सत्ये का पुजारी शिवरूप धारी करे विचार 
सनी है बचरा तेरा बाबा चढ़ मेरी  जुबान 
करे सबदे बेडे पार बैठे साथ ९ नाथ ८४ 
सिद्ध महाराज चले मेरे गुरु गोरखनाथ दा
बाण मेरी सुने मेरा नाथ मेनू  देखन  सब दे पाप 
बाबा दुनिया तेरी बंदगी दी दीवानी मैं तेरा 
गुलाम चढ़ बाबा  हुन  मेरी जुबान तेरी बानी 
तेरा तीर चले जद निकलन सब दे कम
ॐ शिव सदगुरु गोरखनाथ तेरी सदा 
ही जय जैकार सनी शर्मा शिव 
गोरक्षधाम सतनाली ! 


शबरी विद्या और ज्ञान तो गुरु के देना है मेरे शब्द किताब के नहीं है मैं तो वही लिखता हूँजो मेरा गुरु मुझ से लिखवाता है और मैं सत्ये का पुजारी हूँ सच क साथ देता हूँ म्हणत तो अपनी अपनी है क्युकी जैसा इंसान बीज बोहेगा तो वैसा ही फल मिलगा उसको मेरा कम देना है और मेरी कोई बी किरिया जा मंत्र कबि बी मेरे से पूछे बिना मत करना है क्युकी किसी के बारे मैं कुछ नहीं बोलता हूँ लेकिन रियल किरिया डायरेक्ट चलती है कम बी करती है ऐसे कुछ मत करना यह सब बाणिया है बाबा जी की मंत्र तो मैंने अभी पोस्ट नहीं किया है ! थोड़े टाइम मैं देखगे हम और यहाँ  पार वही चीज़े दुगा मैं जो सबके लिए सही होगी और नई होगी किताबी नहीं होगी मेरे दोवारा अनुभत होगी ! और सिद्ध पुरष बी है सेवक है चाहे वो बी मेरे मंत्र को मेरे से पूछे बिना न करे क्युकी बाबा जी के शब्द है वही देते है उनकी ही कृपा है और वही जाने इन शब्दों का राज हुकुम से ही करना है सब कुछ अलख आदेश सनी शर्म शिव गोरक्षधाम सतनाली ! मेरा किसी बी यति और किसी का बुरा करना है है लेकिन मैं सच ही बोलता हूँ मेरे पास फ़ास्ट वाला कम नहीं है जिसको सद्गुरु पर विश्वास है वही करे यह सब जिसका नहीं है वो सब दूर ही रहे जय गुरु गोरखनाथ ! 






Friday, 2 March 2018

गुप्त शबरी विद्या सनी शर्मा तन्त्रम

गुप्त शबरी विद्या सनी शर्मा तन्त्रम 

गोरखनाथ जी की बाणी 

सतनमो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
ॐ गुरु जी धुना धुना नाथा दा धुना विच 
बैठे मेरा महाकाल सत्ये दा चेला सत्ये दा  पुजारी 
शिवा दा मिला मछिन्दर दा चेला गुरु गोरखनाथ 
 सनी है चेला नाथा दा सुन मेरी पुकार मेरे नाथ 
मुंद्रा वाले बाबा गुरु गोरखनाथ हाथ च चिंता गल
च नाग लगे दूजा रूप शिव अवतार सतगुरु हो जा 
मेहर बान करदे बगोबार ला दे सबदे बेड़े पर ॐ शिव 
गोरखनाथ योगी सतनाम आदेश सतगुरु माहराज ! 
सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

सतगुरु कौन है सतगुरु आपके अंदर है हर एक इंसान उस मालिक का सवरूप है और बुरा तो इंसान के सोच और समझ पर डिपेंड करता है ! कलयुग है अपना प्रभाव हर एक पर दिखायेगा इसलिए गलती नहीं है यह एक परीक्षा है जो इस मैं पास हो गया समझो वो बाबा जी के चरणों मैं बस गया उसको बाबा के चरणों मैं जगह मिलगी बैठे के इसलिए और यह सब मेरा स्वयं क अनुभव है और अनुभव के आधार पर ही मैं कुछ लिखता हूँ किताब ज्ञान मेरे पास नहीं है ! जिसको इस रस्ते पर चलना है तो कुछ तियाग और कठिन मेहनत और मन का भाव सही रखना होगा तभी काम होगा ! गुरु बहार नहीं है गुरु तो आपके अंदर है बस जिस दिन घृस्त जीवन से थोड़ा सॉ लिंक तोड़ोगे तो उस दिन शयद मालिक दिखे आपको सुख और सम्भोग और गुरु साथ नहीं चलेगा पहले घृस्त चलाओ फिर पढ़ो क्युकी पहले सम्भोग का आनंद ले लो जब मन भऱ जाये फिर चलना 
इस रस्ते पर जल्दी सफलता मिलगी अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली माफ करना यह मेरे मन की बात है किसी को कुछ बुरा लगा तो शमा करना ! शिर शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश ! 




Thursday, 1 March 2018

सध्गुरु गुरु गोरखनाथ जी महाराज

सध्गुरु गुरु गोरखनाथ जी महाराज 

मुंद्रा वाले बाबा तेरी सदा ही जय जैकार  
ॐ शिवगोरक्ष योगी सिद्ध रूपी 
शिवरूप धारी बैल सवारी चढ़ 
सवारी बोले मेरा नाथ मुंद्रा वे 
मुंद्रा बाबे दा चिमटा शान शान करदा 
तेरी फकीरी मेनू भाई चढ़ मेरे नाथ कर जग भलाई
सनी तेरा चेला सिमरे तेनु वार वार
जिथे याद करा बाबा ओथे ही भर भर 
कर दीदार तेरी सदा ही जय जैकार मुन्र्द वाले बाबा ! 
सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली !   

गुरु जी की बाणी जग तो न्यारी है गुरु ही देवे गुरु ही लेवे सत्ये की पूजा सत्ये का नाम गुरु ही गुरु सतगुरु पार्षद इसलिए गुरु सिमरन पहले गुरु भगति पहले गुरु नाम पहला बाकि बाद मैं इष्टदेव पितरो का नाम बी साथ मैं लो और गुरु बिना कुछ नहीं करना है जो बी करना है गुरु हुकुम से करना है और गुरु जी के मारगदर्शन मैं ही करना है सनी शर्मा श्वी गोरक्षधाम सतनाली अलख आदेश शिर शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज को आदेश आदेश !





Tuesday, 27 February 2018

शाबर तन्त्रम सनी शर्मा

शाबर तन्त्रम सनी शर्मा 

सतगुरु गोरखनाथ जी की बाणी

सतनाम आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 

जत जट्टा कैलाश वासी बैल सवारी 
चढ़ बैल गुमे शमशान का राजा 
शिवरूप धारि ॐ श्री सतगुरु 
गोरक्षनाथ अवनिशि मछिन्दर  
चेला लगा मेला नथो ने मानी
सनी है तेरा चेला जिथे सिमरे 
ओथे खेले नाथ दी मंडली ! 
सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम 
सतनाली ! 

गुरु गोरखनाथ जी तेरी सधा ही जय जैकार गुरु गोरक्षनाथ जी बहुत बढ़ी शक्ति है जिसने बी सच्चे मन से गुरु जी को पूजा है उसका ११०% काम हुआ है चाहे वो फिर कैसा बी हो लेकिन भाव और गुरु पर विश्वास बहुत ही जरूरी है गुरु बिना गति नहीं गुरु बिना चेला नहीं !

गुरु चले चेले के साथ उजाड़ बैठे मेरे नाथ करा थोडा दीदार
ॐ शिव शम्भू यति गोरखनाथ जी महाराज तेरी सधा
ही जय जयकर अलख आदेश ॐ शिव अधिकार करो 
जग का कलियाँ चढ़ सनी दी जुबान तेरा बचरा करे तनु 
याद रख ओदी  लाज ॐ शिव गुरु गोरक्ष सत सत परनाम  ! 

bani गुरु की दें है गुरु के शब्द गुरु का चेला ही जाने सब कुछ अपने अंदर है बहार कुछ बी नहीं है गुरु बिना कुछ नहीं है गुरु नहीं है इष्टदेव की सेवा करो सब कुछ घृस्त जीवन मैं रह कर करना है ! क्युकी संसार का नियम पहले गुरु का आदेश पहले गुरु जैसे बोले वैसे ही करना है भगति से ऊपर कुछ नहीं है ! सिद्धि विद्धि यही रह जनि है भगति साथ जनि है ! सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! यह मेरा अनुभव है न की किताब के शब्द जो मन बोलता है आता है वही यहाँ पर लिखता हु ! 



गुरु गोरखनाथ

गोरखनाथ जी की गुरु बाणी

सतनामो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश ! 
झुख कर नमन करना सबको यह 
नाथ सम्पर्दयि का पहला नियम है !
 साद गुरु गोरखनाथ जी महाराज 
को नमन के साथ साथ ९ नाथ ८४ 
सिद्ध महाराज को आदेश करना ! 

गुरु गोरखनाथ 

सतनाम आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
ॐ गुरु जी गुरु गुरु बाणी गुरु दी बाणी 
सत्ये का नाम शिव पवन नीर शिव रूप 
धारी जय जय हो शिव अधिकार गुरु 
गोरखाथ अविनाशी !

गुरु गोरखनाथ जी महाराज के शब्द कहते है शिव ही गुरु गुरु ही शिव है आपके गुरु की बाणी पवन नीर है जिसको समाज आ गयी समझो वो तर गया उसको अधित्यम का मतलब समझ आ गया यही गुरु का कहना है गुरु बिना तो गति है नहीं मौर जो कोई बी परमात्मा को सच्चे मन से याद करेंगे उसको गुरु बी मिलगा और ज्ञान बी ! तंत्र मंत्र तो किरिया है जैसे जैसे भगति भाव बढ़ता जायगा वैसे वैसे ही गायन और सात बुद्धि मिलगे ! सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली बस मेरा काम सही जानकारी देना है मैंने किसी बी धर्म और जाती को ठेस नहीं पोचना चाहता हूँ क्युकी सब एक है रब न एक है बस देखने के नज़र चाहिए अलख आदेश जय गुरु गोरखनाथ ! 

Monday, 26 February 2018

मन के विचार और साधना

मन के विचार और साधना 

क्या है मन के विचार और आपकी साधना सब कुछ शालवा है सब कुछ क्युकी परीक्षा के टाइम मैं मन और विचार धरा चेंज हो जाती है जैसे जैसे जाप के संख्या बढ़ती जायगी वैसे वैसे ही आपके मन के विचार और प्रश्न बी जयदा तंग करेंगे आपको उसका कारन उस देव शक्ति का परवाव होता है वो आपकी परीक्षा पहले लेगी फिर आपको वो सिद्धि प्रदान कर्ज यह सबकुछ मैं अपने अनुभव के आधार पर लिख रहा हूँ मैं किसी को बी किताबी ज्ञान नहीं देता हु यहाँ पर गुरु कृपा और इष्टदेव की कृपा से ही आप सभी का मारगदर्शन करता हूँ मैं बहुत से लोग है दावा करने वाले लेकिन तंत्र मंत्र मैं सिर्फ काम विश्वास पर और आपकी सोच से काम होता है पैसे और भोग तो के नियम है लेकिन शरधा और आपके भाव सही होगा तो बिना भोग के बी काम  हो जाएगा यह गुरु के वचन है ! तंत्र मंत्र कोई खेल बी नहीं सबके बस के बात बी नहीं है लेकिन जो गुरु कृपा के आधार पर चलेगा वो कब्जाब हो जयगा ! सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली जय गुरु गोरखनाथ जो बी करो गुरु जी के मारगदर्शन मैं करो बस यही मेरा कहना है !


गुरु मंत्र

गुरु मंत्र 

गुरु मंत्र गुरु एक शक्ति है जो के जाप करने से महसूस होती है गुरु जी उस मालिक का रूप है उनके बिना आप कोई बी साधना साद नहीं पाओगे इसलिए गुरु सबसे पहले है गुरु का मंत्र गुरु मुख से ले कर उसका जाप करना होता है और किसी को कुछ बताना नहीं होता है गुरु मंत्र क्युकी गुरु और शिष्ये की बातें गुरु और शिष्ये एक बीच मैं ही रेहनी चाहिए वैसे तो बहुत कुछ हिअ नेट पर लेकिन असली गुरु मिलना मुश्किल है क्युकी सारी दुनिया पैसे के पीछे और नारी (इस्त्री से सम्भोग) के पीछे है इसलिए तो किसी को दर्शन और उनके मनोरथ पुरे नहीं होते है भगति और पूजा उसकी सफल होती है जिसका को स्वार्थ नहीं होता है जिसका स्वारथ होगा वो कबि बी सफल नहीं हो पाएगा ! गुरु किरपा से ही काम होगा बाकि आप सभी की मर्जी है नेट से कुछ बी करो लेकिन गुरु पहले गुरु जिनके गुरु नहीं है वो इष्टदेव की पूजा और उनकी से करो जब हुकुम होंगे तभी तंत्र मंत्र की लाइन मैं उतरना अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


Friday, 23 February 2018

सद्गुरु महाराज कृपा दिर्ष्टि

सद्गुरु महाराज कृपा दिर्ष्टि 

ॐ नमो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
सतजुग सत दानी मेरा गुरु शिव रूप धारि
बैठे धुनें पर करे विचार जय जय हो श्री 
सतगुरु शिव गोरक्षबाला सनी शर्मा ! 

गुरु बिना मुक्ति नहीं गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु 
हे देने वाला है गुरु ही लेने वाला है गुरु ही शिव है 
गुरु ही पवन नीर है सतगुरु महाराज गुरु 
गोरक्षनाथ तेरी सदा ही जय जय कार ! 

इष्ट देव की पूजा इष्टदेव की भगति से ऊपर कुछ नहीं गुरु नहीं है तो इष्टदेव को ही गुरु बना लो करो भगति मन सच्चा रख कार और देखो फिर कमल अगर इष्टदे साथ खड़े हो गए तो दुनिया की और कोई बी शक्ति की उपासना करने की जरूरत नहीं है आपको वही बहुत है यह स्वयं का अनुभव है मे बाकि आप सभी समझदार पढ़े लेखे हो सोच समझ सबकी अपनी अपनी होती है ! अगर करो तो मिलगा नहीं करोगे तो कुछ नहीं मिलगा कर्म और धर्म माता पिता की सेवा मोक्ष का रास्ता जय गुगु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम  सतनाली ! 


गुरु दानी होता है 

गुरु दानी होता है क्युकी जो बी शिष्ये गुरु जी का नाम भजन करेगा वो गुरु का प्रिये होगा और उस पर गुर कृपा बी बहुत होगी यह गुरु के शब्द ही है इसलिए गुरु का नाम सबसे पहले सब कुछ आपके अंदर है यह आपको गुरु ही दिखा सकता है गुरु बिना गति नहीं है ! 

सद्गुरु मेरा पवन नीर बेहत शिव धीर 
देवे भर भर ज्ञान की पोटली मेरा गुरु 
शिव ! शिव सदा चार महाकाल 

गुरु ही सब कुछ है कहने का मतलब यही है वही देने वाला है वही लेने वाला है नेट पर गुरु नहीं मिलता है और बहार किसको ढूंढ रहा है तू गुरु तो तेरे अंदर है जय गुरु गोरखनाथ नाथ शिव की बाणी है ! गुरु जैसा बी हो लेकिन शिव सवरूप होता है गुरु के अंदर ही आपके मालिक का सवरूप है बस तू उस नज़र से देख उसको सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


शाबर तंत्र मंत्र मैं गुरु दीक्षा

गुरु पक्षं गुरु ज्ञान 

ॐ नमो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 
सत गुरु सत पीर गुरु महावीर बैठे गद्दी 
करे आदेश स्यात रह गुरु की बाणी !

शाबर तंत्र मंत्र मैं गुरु दीक्षा और गुरु सिमरन से ही सब कुछ होता है गुरु बिना ज्ञान नहीं है नेट पर तो बहुत कुछ है लेकिन सब कुछ करने से पहले गुरु धारण करना जरूरी होता है अगर आपके पास गुरु नहीं है तो अपने इष्टदेव की पूजा भगति करो जब उनके हुकुम जा दरसाहन होने लगते है तो उनको ही गुरु मन कर करो लेकिन सबसे पहले बता दू तंत्र मंत्र के छोटी किरिर्या से सुरु होना चाहिए डायरेक्ट बड़ी किरिया को नहीं करना है कबि बी क्युकी शरीर और मानसिकता धीरे धीरे और गुरु कृपा धीरे धीरे होती है और गुरु जी के नाम की रौशनी अपने अंदर जगाने मैं थोड़ा टाइम लगता है ! बाकि  आप सभी की सोच और समझ पर डिपेंड करता है ! क्युकी मंत्र तो बहुत है लेकिन गुरु एक है सबका कुछ बी करो घूम फिर कर वही आना है सबको जैसे मोत के बाद इंसान समशान मैं जाता है वैसे ही भगति भाव और गुरु कृपा का आधार शिव बाबा है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


Thursday, 22 February 2018

गुरु देने वाला होता है

सतनमो आदेश आदेश को आदेश आदेश 

ॐ गुरु जी गुरु दी बानी जग तो न्यारी 
गुरु देवे चेला लेवे गुरु दी बाणी 

गुरु देने वाला होता है गुरु ज्ञान किसी किसी को मिलता है सबके नसीब मैं नहीं होता ही गुरु ज्ञान क्युकी गुरु शब्द का अर्थ सिर्फ गुरु गद्दी पर बैठ कर ही पता चलता है बहुत से भाई भें बोलते है गुरु मंत्र दे दो लेकिन गुरु बांके बहुत भार आता है आपकी बॉडी पर इसलिए इष्टदेव की पूजा करो गुरु नहीं है उनको ही गुरु बना लो उनकी कृपा हो गयी तो दुनिया कर हर सुख मिलगा आपको क्युकी गिनती १ से सुरु होती है तंत्र मंत्र यन्त्र कहना आसान है लेकिन करना बहुत ही मुश्किल है ! कुछ किरिया आप गुरु जी के मरगदरश मैं ही कर सकते हो गुरु नाम के बाद तो सिर्फ भगति की जा सकती है यह मेरा विचार है जो आज मैं आप सभी के सामने रख रहा हूँ ! सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

Tuesday, 20 February 2018

गुरु गोरखनाथ जी महाराज

गुरु गोरखनाथ जी महाराज 

सतनामो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 

क्या मतलब है इसका क्युकी बहुत से भाई बेहेन पूछते है मुझ से नाथ सम्पर्दाए मैं सिद्ध योगी एक दूसरे को नमन करते थे सो आदेश का मतलन है मैं जुक कर परनाम करता हूँ आपको प्रभु क्युकी नाथ योगी हर किसी मैं परमात्मा को देखने की कोशिश करते थे इसलिए शाबर मंत्र एक हर एक लाइन मैं यह शब्द आते थे ! गुरु गोरखनाथ जी महाराज का भाज और सिरमृन करना कोई छोटी बात नहीं बहुत बड़ी शक्ति है यह ३ देव दानव भूत प्रेत बाबा के आगे चुप होते है ! क्युकी बाबा स्वयं महाकाल का रूप थे कौन आगे बोले उनके गुरु गोरखनाथ जी ने समशान से ले कर चौगान तक सब कुछ अपने पीछे लगाया था यह सब मैं अपने अनुभव के आधार पारर लिख रहा हूँ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली जय गुरु गोरखनाथ ! 


Monday, 19 February 2018

गुरु गोरक्षनाथ जी ज्ञान की खोपड़ी है

सतनमो आदेश गुरु जी को आदेश आदेश 

गुरु गोरक्षनाथ जी ज्ञान की खोपड़ी है यह हमारे पुराने ग्रन्थ और गुरु की बाणी कहती है क्युकी गोरक्षनाथ जी महाराज हटी जप वाले सादक थे सब कुछ गुरु मछिन्दर नाथ जी के देख रेख मैं रह का किया था गुरु आदेश की पलना करते हुए ओनो ने वो महारथ हासिल कर ली टी ! ३ लोगो के देव दानव थार थार खाम्पते थे इनके नाम के आगे कोई नहीं बोलता हटा क्युकी महा काल बाबा कर रूप थे यह सीवम शिवसवरूप धरी मेरे बाबा गोरक्षनाथ जी महाराज ९ नाथ ८४ सिद्ध महाराज बी इनकी बाणी सुनते थे और इनकी विचार धारा की धरना के आधार पर ही सब कुछ आगे का निश्चित करते थे ! जय जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


तंत्र मंत्र यन्त्र क्या है

तंत्र मंत्र यन्त्र क्या है 

तत्र एक किरिर्या है 
मंत्र एक शक्ति है 
यन्त्र एक उस देव का सवरूप है 

यह मेरा स्वयं का ध्यान है ज्ञान सबका अपना अपना है कृपा बी सबकी अपनी अपनी है लेकिन गुरु तत्व और गुरु एक है वो शिव का रूप है गुरु बिना ज्ञान नहीं है ! और याद रहे गिणती हमेशा एक से सुरु होती है ने के बिच मैं से क्युकी नेट पर तो बहुत कुछ है लेकिन गुरु ज्ञान नेट का नहीं होता है गुरु का अनुभव नेट का नहीं होता शिव की बानी है यह गुरु गुरु की रट लागो तो सब कुछ मिलगा ! 
गुरु शिव का ही रूप है शिव से सब कुछ सुरु हुआ है वही पर सब कहत्म हो जाना है जैसे के इंसान नंगा आया है और नंगा ही जायगा बस भगति के कुछ बोल और करम साथ मैं ले जायगा यह दुनिया का सच है यह मेरे प्रभु की बानी है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


जय गुरु गोरखनाथ

जय गुरु गोरखनाथ 

आज मैं फिरसे हाज़िर हूँ गुरु क्या है गुरु बिना गति क्यों नहीं क्युकी गुरु तंत्र मंत्र के रस्ते का एक दरवार ही है एक ऐसा दरवार जिसको आपको धारण करना होगा फिर उसको खोलना है फिर आपको तंत्र मंत्र यन्त्र के मार्ग पर चलना है यह जो बी मैं लेख रहा हूँ यह सारा मेरा खुद का अनुभव है और अपने अनुभव के आधार पर ही आपको यहाँ पर वही ज्ञान दे रहा हूँ जो मैं स्वयं मैं अनुभव किया है क्युकी गुरु के बिना आपको कबि बी सफलता नहीं मिलती है ! गुरु ही आपको सही जाकारी और तंत्र की विषय मैं दे सकता है क्युकी अगर सब कुछ नेट पर से सीखा जाता तो गुरु की क्या जरूर थी अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! जय हो बाबा मेहर कर सब पर जय गुरु गोरखनाथ जय जय हो ९ नाथ ८४ सिद्ध महाराज !  

Monday, 12 February 2018

मंत्र सिद्धि

मंत्र सिद्धि

निरंतर जप से मंत्र को चेतन किया जा सकता है गुरु कृपा और गुरु जी के आशीर्वाद से आपको सफलता मिलती है तंत्र मंत्र यन्त्र मैं आपको सफतला गुरु के थ्रू से मिलती है गुरु आपको उस काबिल बना देता है धीरे धीरे शक्ति आव्हान करती है आपके बॉडी पर उसका इफ़ेक्ट आता है जैसे ही बॉडी का भारी हो जाता है ऐसा लग्न जैसे कंदो पर कोई बैठा धीरे धीरे गुरु कृपा से एक दिन आपको सिद्धि और ज्ञान और तंत्र मंत्र यन्त्र का ज्ञान होता है जैसे जैसे भाव और शुदी कारन होता जायगा वैसे वैसे ही आपको ज्ञान प्रपात होता जायगा अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

Sunday, 11 February 2018

शाबर मंत्र क्या है

शाबर मंत्र क्या है 

नाथ सम्प्रदाय मैं जब गुरु मछिन्द्रनाथ जी के शिव बाबा जी से बार की थी नाथ पंथ के प्रचार की तब उस टाइम यह मंत्र स्वयं मछिंदरनाथ जी के दोवारा चलाये गए थे और शिव सवरूप गुरु गोरखनाथ जी का जन्म हुआ था उनोने गुरु गुरु मछिंदरनाथ जी से शिक्षा ली और उनके चेले (शिष्ये) बन कर ४ वेदो का ज्ञान लिया और शाबर मंत्र से सबको प्रचित करवाया था गुरु गोरखनाथ जी एक ऐसी शक्ति है जिसके सामने कोई देवी जा देवता टिक नहीं पता है क्युकी इनो ने सबको अपने वचनो मैं बंद रखा है इसलिए नाथ पंथ का प्रचार किया गुरु गोरखनाथ नहीं ने और हर मरज़ का इलाज है शाबर मंत्र से यह मंत्र बहुत जल्दी आसान दिखाते है ! अलख आदेश सनी शर्मा शिवगोरखनाथधाम सतनाली ! 


तंत्र मंत्र यन्त्र

तंत्र मंत्र यन्त्र 

हमने बहुत सुना है तंत्र मंत्र यन्त्र मैं कुछ लोग विश्वास करते है कुछ नहीं करते है लेकिन यह जो भूत प्रेत हम सुनते है क्या होते है तो सही मैं बताऊ तो होते है लेकिन इनको वही महसूस कर सकता है जिसके ऊपर कोई क्रिया की गयी हो इसलिए क्युकी विस्वास तो तभी होता है जब अंको के सामने कुछ होता है लेकिन तंत्र मंत्र यन्त्र मैं एक बात याद रहे यह ऐसे तैर होते है जिनको सिर्फ महसूस किया जा सकता है एक वो जिसने किसी के ऊपर कोई क्रिया की है दूर्वा वो जिस पर उसका प्रभाव है ! यह कोई ऐसा तीर नहीं है जो सबको देखिये दे ! गुरु दोवारा यही ज्ञान दिया जाता है ! जो के गुप्त और गुरु कृपा से किसी किसी को प्रदान होता है अलख आदेश सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 

गुरु गोरखनाथ जी के सिद्ध शाबर मंत्र

गुरु गोरखनाथ जी के सिद्ध शाबर मंत्र 
शिव गोरक्षधाम सतनाली 
सनी शर्मा 
यहाँ पर मैं जो बी पोस्ट दुगा वो सारि मेरी अनुभूत है और सरे मंत्र मेरे दोवारा चलाये हुए है इसलिए मेरा काम सिर्फ इंफोमशन देना है मैं किसी को जबरदस्ती कोई क्रिया करने को नहीं बोलता हूँ अगर कुछ गलत होता है आपके साथ तो उसके ज़िम्मेदार आप सभी खुद हो अलख आदेश ! 

तंत्र मंत्र यन्त्र और शाबर मंत्र से अवगत करवाऊंगा आप सभी को और गुरु बिना कबि कुछ नहीं करना है क्युकी गुरु बिना गति नहीं है इसलिए गुरु सेवा से पहले इष्टदेव की सेवा और पितरो की सेवा जरूरी है ! 

गुरु क्या है 

सतनाम आदेश गुरु जी को ॐ गुरु जी 

यह सारि जानकारी मैं अपने अगले पोस्ट मैं दुगा !