Monday, 19 February 2018

तंत्र मंत्र यन्त्र क्या है

तंत्र मंत्र यन्त्र क्या है 

तत्र एक किरिर्या है 
मंत्र एक शक्ति है 
यन्त्र एक उस देव का सवरूप है 

यह मेरा स्वयं का ध्यान है ज्ञान सबका अपना अपना है कृपा बी सबकी अपनी अपनी है लेकिन गुरु तत्व और गुरु एक है वो शिव का रूप है गुरु बिना ज्ञान नहीं है ! और याद रहे गिणती हमेशा एक से सुरु होती है ने के बिच मैं से क्युकी नेट पर तो बहुत कुछ है लेकिन गुरु ज्ञान नेट का नहीं होता है गुरु का अनुभव नेट का नहीं होता शिव की बानी है यह गुरु गुरु की रट लागो तो सब कुछ मिलगा ! 
गुरु शिव का ही रूप है शिव से सब कुछ सुरु हुआ है वही पर सब कहत्म हो जाना है जैसे के इंसान नंगा आया है और नंगा ही जायगा बस भगति के कुछ बोल और करम साथ मैं ले जायगा यह दुनिया का सच है यह मेरे प्रभु की बानी है जय गुरु गोरखनाथ सनी शर्मा शिव गोरक्षधाम सतनाली ! 


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